Close

    उद्देश्य और कार्य

    उद्देश्य
    • अनुसंधान तथा विकास- गतिशील दिव्यांगों तथा न्युरोलॉजिकल गतिशीतला एवं समन्वयन की समस्या से पीड़ित दिव्यांगों की शिक्षा और पुनर्वास के सभी पहलुओं में
    अनुसंधान का संचालन/प्रायोजन, समन्वयन करना या आर्थिक सहायता देना ।
    • बायोमेडिकल इंजिनियरिंग – बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में सहायता या उपयुक्त सर्जिकल या चिकित्सा प्रक्रियाओं के प्रभावी विकास या नई उपकरणों के विकास के लिए अनुसंधान शुरू करना, प्रायोजित करना, समन्वय करना या आर्थिकक सहायता देना।
    • प्रशिक्षण तथा सक्षमता का उन्नयन – रोजगार अधिकारियों,मनोचिकित्सकों ,व्यावसायिक परामर्शदाताओं तथा ऐसे कर्मी जिन्हें संस्थान आवश्यक समझें उनके शिक्षण,प्रशिक्षण तथा पुनर्वास जैसी सेवाओं को प्रायोजित अथवा संचालित करना जिससे वे अस्थि दिव्यांगों को प्रशिक्षित कर सकें ।
    • सहायता सामग्री तथा सहायक उपकरणों का वितरण – गतिशील दिव्यांगजनों के शिक्षा ,पुनर्वास या चिकित्सीय पहलुओं के बढ़ावा हेतु किसी विशेष अथवा सभी उपकरणों के निर्माण तथा वितरण या बढ़ावा के लिये सहायता करना ।
    कार्य
    राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान (एनआईएलडी) गतिशीलता से पीड़ित दिव्यांगों को सहायता और सेवाएं अपने बृहत कार्यक्षेत्रों के माध्यम से प्रदान करता है। अपने उद्देश्यों के प्रभावी कार्यान्वयन की सुनिश्चितता हेतु इसके प्रशासनिक नियंत्रण के तहत विभिन्न विशेष विभागों, क्षेत्रीय केंद्रों , ईकाईयों, समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी), और क्षेत्रीय अध्यायों द्वारा कार्य किए जाते हैं।
    मानव संसाधन विकास
    रा.ग.दि.सं. पुनर्वास के क्षेत्र में पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें व्यावसायिक चिकित्सक,भौतिक चिकित्सक, प्रोस्थेटिस्ट और ऑर्थोटिस्ट, पुनर्वास इंजीनियर और सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास विशेषज्ञ शामिल हैं। संस्थान उच्च गुणवत्ता युक्त पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने, कुशल तथा सक्षम कर्मियों को विकसित करने हेतु विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन करता है ।

    पुनर्वास सेवाएँ:
    संस्थान चिकित्सा, उपचारात्मक और पुनर्वास की सेवाऐं अपनी बृहत कार्यक्षेत्र के माध्यम से प्रदान करता है जो निम्नलिखित है –
    • चिकित्सा पुनर्वास – निदान और उपचार के लिए ।
    • भौतिक चिकित्सा – गतिशीलता और शारीरिक कार्य में सुधार के लिए
    • व्यावसायिक चिकित्सा – दैनिक गतिविधियों में स्वाबलंबता में वृद्धि ।
    • कृत्रिम अंग एवं प्रत्यंग – कृत्रिम अंग-प्रत्यंग का विशिष्ट रूप से निर्माण ।
    • पुनर्वास नर्सिंग – दिव्यांगों की विशेष देखभाल के लिए ।
    • क्रॉस-डिसेबिलिटी-शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र(ईआईसी) – बच्चों में दिव्यांगता के लक्षणों की शीघ्र पहचान कर त्वरित हस्तक्षेप ।

    अनुसंधान एवं विकास:
    राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान पुनर्वास के क्षेत्र में ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान एवं विकास में संलग्न है।
    पुस्तकालय, दस्तावेज़ीकरण और सूचना का प्रसार:
    राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान में सुसज्जित पुस्तकालय है जो दिव्यांगता और पुनर्वास से संबंधित जानकारी के दस्तावेज़ीकरण और उसके प्रचार तथा प्रसार में एक केंद्र के रूप में कार्यरत है ।
    सुदूरवर्ती और विस्तारित सेवाएं:
    अपनी सुदूरवर्ती सेवा इकाई के माध्यम से राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान देश भर पुनर्वास से वंचित क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ प्रदान करता है।
    जागरूकता:
    राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान, दिव्यांगों के अधिकारों और दिव्यांगता की पहचान कर प्रारंभिक हस्तक्षेप, पुनर्वास और समावेशन के महत्व की जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न कार्यक्रम और अभियानों का परिचालन करता है ।
    सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास
    यह इकाई दिव्यांगों के रोजगार के अवसरों के सृजन हेतु विभिन्न उद्योग और शासकीय निकायों के साथ मिलकर कार्य करता है ।
    छात्रों का नियोजन:
    संस्थान की नियोजन ईकाई संस्थान मे पाठ्यरत छात्रों को पुनर्वास और दिव्यांगता के क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने में मदद करती है।