दृग्विषय और ध्येय
दृग्विषय
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त करना, पुनर्वास की सेवाओं, शिक्षा, प्रशिक्षण, और अनुसंधान में उत्कृष्टता के माध्यम से समाज में उनकी पूर्ण समावेशिता और भागीदारी को सुनिश्चित करने के साथ समानता, सम्मान और सुगम्यता के सिद्धांतों को बनाए रखना ।
ध्येय
दिव्यांगजनों के समग्र प्रबंधन को सुनिश्चित करते हुए उन्हें व्यापक पुनर्वास की सेवाएं प्रदान करना।
दिव्यांगजनों के जीवन की गुणवत्ता को सुलभ शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के माध्यम से बढ़ाना।
पुनर्वास प्रौद्योगिकी और प्रबंधन में अनुसंधान और नवोन्मेषिता को बढ़ावा देना।
दिव्यांगता और पुनर्वास के क्षेत्र में संव्यावसायिक हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से मानव संसाधन विकास को सुनिश्चित करना।
पूर्वोत्तर के वंचित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे भारत में पुनर्वास की सेवाओं का विस्तार करना।
दिव्यांगजनों के अधिकारों, आवश्यक सेवाओं और अवसरों तक उनकी गम्यता को सुविधाजनक बनाकर समाज में दिव्यांगों की समावेशिता, समानता और पूर्ण भागीदारी को सुनिश्चित करना।